Thursday, December 1, 2011

उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ

वो संगीत जो निडर हो ,
वो आशा जो बंदिश ना जाने ,
भावना जिसकी हम परिभाषा ना खोजे ,
जब कर्म आशिकी बन जाये ,
उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ

हर दिन अनन्त  , हर सोच मैं सच
रास्ते खुद बनाने की क्षमता
गलत राहों से लौट जाने का सहस
जब सुकून और जूनून दोनों ही साथ रहे 
उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ

1 comment:

  1. Jab suraj ugta hai
    tab teen lok theharte hain
    Jab atyachar badhte hain
    tab sacche shor machaate hain

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