वो संगीत जो निडर हो ,
वो आशा जो बंदिश ना जाने ,
भावना जिसकी हम परिभाषा ना खोजे ,
जब कर्म आशिकी बन जाये ,
उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ
हर दिन अनन्त , हर सोच मैं सच
रास्ते खुद बनाने की क्षमता
गलत राहों से लौट जाने का सहस
जब सुकून और जूनून दोनों ही साथ रहे
उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ
वो आशा जो बंदिश ना जाने ,
भावना जिसकी हम परिभाषा ना खोजे ,
जब कर्म आशिकी बन जाये ,
उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ
हर दिन अनन्त , हर सोच मैं सच
रास्ते खुद बनाने की क्षमता
गलत राहों से लौट जाने का सहस
जब सुकून और जूनून दोनों ही साथ रहे
उस सूर्योदय की ओर चलता हूँ
Jab suraj ugta hai
ReplyDeletetab teen lok theharte hain
Jab atyachar badhte hain
tab sacche shor machaate hain